Telling you the known unknowns of your life. Just Learn with me.
Copy link

बूढ़ा बद्री वृन्दावन, भगवान श्री हरी की वह मूर्ति जो औरंजेब के सामने खरी हो गई थी, और गांव पर संकट की स्थिति में मूर्ति चलती भी है

2 months ago

यहां पर "बूढ़ा बद्री जी" की विशेष लीला यह है कि जब यहां पर औरंगजेब ब्रज में मूर्तियों को ध्वस्त कर रहा था तो जैसे ही वह "बूढ़ा बद्रीनाथ" मंदिर में पहुंचा मूर्ति को ध्वस्त करने के लिए तो सामने से "बूढ़ा बद्री जी" की मूर्ति खड़ी हो गई और औरंगजेब को उल्टे पांव वापस भगा दिया कहा यह भी जाता है कि आज से ठीक 20 साल पहले तक यहां पर सभी मुस्लिम लोग भी दर्शन करने आया करते थे भेंट चढ़ाया करते थे और आज भी आते हैं लेकिन उतनी तादात में नहीं आते जितने पहले आया करते थे

हमने आपको ब्रज के अन्य अन्य स्थानों के दर्शन कराएं जहां भगवान श्री कृष्ण संग श्री राधा रानी जी की लीला भी रही और दर्शन भी हुए

साथ ही हमने आपको कुछ समय पहले दर्शन कराए थे "नैन सरोवर" के अगर आपने हमारे चैनल पर वह वीडियो नहीं देखा है तो जाकर जरूर देखिए लिंक आपको नीचे मिल जाएगा

हमने आपको काम मन में काफी स्थानों के दर्शन कराएं हैं जिसमें से मुख्य स्थान "विमल कुंड"‌ है जिसको काम वन का मुख्य तीर्थ कहा जाता है "विमल कुंड" से यह स्थान 12 किलोमीटर की‌ दूरी पर है यहां आपको भगवान "श्री बूढ़ा बद्रीनाथ जी" के दर्शन होते हैं

कहां यह भी जाता है कि यह सबसे प्राचीन मूर्ति है ब्रज की इसीलिए इनको "बूढ़ा बद्रीनाथ जी" कहा गया है बूढ़ा अर्थात सबसे बड़े इसलिए इनको "बूढ़ा बद्रीनाथ" कहा गया है

यहां की एक विशेष लीला हमें जानने को मिली जिस पर हमें यकीन नहीं हुआ लेकिन जैसे कि हमें महाराज जी ने बताया और यहां की जो लीला है वह भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थली यो में से एक है

यहां पर "बूढ़ा बद्री जी" की विशेष लीला यह है कि जब यहां पर औरंगजेब ब्रज में मूर्तियों को ध्वस्त कर रहा था तो जैसे ही वह "बूढ़ा बद्रीनाथ" मंदिर में पहुंचा मूर्ति को ध्वस्त करने के लिए तो सामने से "बूढ़ा बद्री जी" की मूर्ति खड़ी हो गई और औरंगजेब को उल्टे पांव वापस भगा दिया

कहा यह भी जाता है कि आज से ठीक 20 साल पहले तक यहां पर सभी मुस्लिम लोग भी दर्शन करने आया करते थे भेंट चढ़ाया करते थे और आज भी आते हैं लेकिन उतनी तादात में नहीं आते जितने पहले आया करते थे

यह हमारे सनातन धर्म की सबसे बड़ी लीला स्थली है जिसमें हमें यह जानने को मिला के यहां पर मुस्लिम भी दर्शन करने आते हैं

सबसे आनंद की बात यह है कि हमने जो आपको समक्ष जाकर अर्थात समीप से आपको जो दर्शन कराए हैं वह दर्शन हर किसी को सरलता पूर्वक नहीं होते हैं

हमने जो पास जाकर भगवान का विग्रह देखा फिर भगवान का जो पद्मासन की स्थिति में जिस प्रकार वह बैठे थे उसके भी हमने आपको दर्शन कराए वह दर्शन बहुत अद्भुत दर्शन हमें हुए जिसकी व्याख्या हम नहीं कर सकते किसी भी रूप में

दर्शन हमने अनेकों जगह किए अनेकों लीलाओं के दर्शन किए आप सभी को दर्शन करें लेकिन यहां पर जो हमने दर्शन किए जो एहसास महसूस किया उसकी व्याख्या हम आपको किसी भी रूप में नहीं कर सकते

ऐसे दिव्य स्थानों के दर्शन जब आप स्वयं करते हैं तो उसकी अनुभूति आपको स्वयं ही होती है